सन्तोष शर्मा
सिकन्दरपुर, बलिया: पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए नगरा मोड़ पर जूनियर हाई स्कूल के सामने विश्वकर्मा रत्न व देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर लोगों ने ज्ञानी जैल सिंह को याद कर उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रामनाथ शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए ज्ञानी जैल सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पंजाब के फरीदकोट जिले के संधवा गांव में एक बढ़ई परिवार में जन्मे ज्ञानी जैल सिंह कठिन परिश्रम के बल पर शून्य से शिखर तक की ऊंचाइयों को छूने में सफल रहे।
सभा को संबोधित करते हुए राजमुनी शर्मा ने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा समाज के अनमोल रत्न थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्री और भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया।
वहीं, सभा को संबोधित करते हुए मार्कण्डेय शर्मा ने कहा कि मुझे इस बात से गर्व है कि एक बढई का बेटा राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। एक समय था जब एक बढ़ई का बेटा मंत्री और राष्ट्रपति जैसे गरिमामय पद को सुशोभित किया था। लेकिन आज यह समाज हाशिए पर है और उपेक्षित है। इस समाज को अगली कड़ी में लाने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के स्वजातीय लोगो ने भाग लिया और ज्ञानीजैल सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख ली। राजमुनी शर्मा ने कहा कि भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह अपने आदर्शों और उच्च विचारों के कारण देश के लोकप्रिय राष्ट्रपति बने। उन्होंने कहा कि एक किसान परिवार में जन्मे ज्ञानी जैल सिंह ने देश का सर्वोच्च पद हासिल किया। उनका जीवन हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि गरीब परिवार का बच्चा भी शिक्षा हासिल करके आगे बढ़ सकता है। कार्यक्रम को मुख्य रूप से मुन्ना शर्मा,अजय शर्मा, विनोद शर्मा, बृजनाथ शर्मा, अतुल शर्मा, दिनेश शर्मा, पंचानंद शर्मा आदि ने सम्बोधित किया। संचालन राजमुनी शर्मा ने किया।