Report: विनोद कुमार
सिकन्दरपुर, बलिया: लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन शनिवार सुबह क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य दिया और छठी मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया.
छठ पर्व के चौथे एवं अंतिम दिन तड़के ही उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिजन अपने घरों से पूजा सामग्रियों के साथ घाटों पर पहुंच गए थे. कमर तक पानी में डूबे हुए और पूजा सामग्रियों से भरे सूप हाथों में लिए व्रतियों ने भगवान भास्कर को पूरी श्रद्धा के साथ दूसरा अर्घ्य दिया.
सूर्य को आखिरी अर्घ्य देने के साथ ही व्रतियों ने व्रत का समापन किया. छठ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया और इसी के साथ ही व्रत और उपवास का चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व संपन्न हो गया.
सुबह घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और सुख समृद्धि की कामना की.
मान्यता के अनुसार कोई भी व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से व्रत कर के सूर्य देव की उपासना करता है और उन्हें अर्घ्य देता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उसके कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं.