रूद्रेश शर्मा
खेजुरी, बलिया। कहा जाता है कि अगर पढ़ाई मेहनत से करते हैं,तो परीक्षा फल भी अच्छा आता है और जहाँ पढ़ाई मैं आलस होती है तो परीक्षा फल भी बुरा आता है इसी का नजीर एक बिटिया ने लगन से मेहनत कर के चरितार्थ कर डाली जिन्होंने IAS बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव खड़सरा पहुंची मोनिका का भव्य स्वागत परिजनों के साथ ग्रामीणों ने किया। इस दौरान लोगों ने बिटिया को अंग वस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया।स्वागत सभा में वक्ताओं ने कहा कि गांव की मिट्टी से निकलकर आईएएस बन बिटिया ने गांव और जिले का नाम रौशन कर दिया है।सिविल सर्विस में चयन होने से बड़ा सम्मान गांव-जवार के लिए और क्या हो सकता है।प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती।लक्ष्य बनाकर ईमानदारी से मेहनत करने से निश्चित तौर पर सफलता मिलती है।ग्रामीणों ने मोनिका के अलावा पिता ब्रजेश श्रीवास्तव एवं माता भारती कुमारी का भी स्वागत किया।वहीं मोनिका ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय माता-पिता और शुभेच्छुओं को देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति एक ही प्रयास में सफल नहीं होता।उसे निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। कहा कि शिक्षा से ही तरक्की के रास्ते खुलते हैं।अभिभावक, बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें, ताकि वह समाज में मुकाम प्राप्त कर सकें।बीते 16 अप्रैल को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित किया गया था,जिसमें मोनिका ने 455वीं रैंक प्राप्त कर सबको गौरवान्वित कर दिया।आईआईटी गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक मोनिका ने 2022 में बीपीएससी परीक्षा में छठी रैंक प्राप्त कर बतौर सेल्स टैक्स कमिश्नर पटना में तैनात हैं, जबकि यूपीएससी में दूसरे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की है।मोनिका के पिता ब्रजेश श्रीवास्तव सेवानिवृत अभियंता हैं जबकि मां भारती कुमारी औरंगाबाद में प्रधानाध्यापिका हैं। वहीं दो बड़ी बहने और एक बड़े भाई डॉक्टर हैं। जबकि छोटा भाई श्वेताभ श्रीवास्तव आईआईटी दिल्ली से बीटेक कर रहा है। इस मौके पर मनोज लाल श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव, बच्चा सिंह,विनय पाठक,राजनारायण पाठक,नवीन सिंह,सच्चिदानंद सिंह,डॉ सुशील श्रीवास्तव,अभय सिंह,ऋषिदेव वर्मा, पीयूष कुमार,दीपक यादव,सदाकत अली,अवधेश सिंह,संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।