खेजुरी, बलिया/ रुद्रेश शर्मा। केंद्र सरकार के द्वारा 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत हर गांव में साफ-सफाई व्यवस्था को दुरुस्त व चाक-चौबंद के लिए सफाईकर्मियों की तैनाती की गयीहै। लेकिन कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आ रही, जिसके चलते गांव के चारों तरफ की नालियां, पानी और खर-पतवार से जाम हो गयी है और गांव का बुरा हाल देखने को मिल रहा है। गांव में तैनात सफाई कर्मियों की निगरानी की संपूर्ण जिम्मेदारी बीडीओ व एडीओ पंचायत की होती है। लेकिन एडीओ साहब गांव में कभी झांकने तक नही आते, जिससे सफाई कर्मी घर बैठे ही डियूटी पूरा कर लेते है और आराम से बिना किसी कार्य के चैन की नींद सोते नजर आते है, जिससे गांव की नालियां गंदगी से बजबजाती नजर आ रही है।
नजीर के तौर पर क्षेत्र के खड़सरा, हरिपुर, सकलपुरा, जिगिरिसंड, चवरी, अखैनी, सरदही, पटपर इत्यादि जगहों को देखा जा सकता है। जहाँ पर बजबजाती हुई नालियां ,नालियों के चारों तरफ घास, फुस उगा पड़ा है, जिसको देखने से यही मालूम पड़ता है कि अभी भी सरकार के जिम्मेदार कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक आँख पर पट्टी बांध कर सोते नजर आ रहे है।
ग्रामीण गनेश का कहना है कि गांव में सफाई कर्मी केवल 15अगस्त और 26 जनवरी के दिन ही दिखते है। वो भी विद्यायल परिसर की सफाई व्यवस्था के लिए। उसके बाद गांव से विलुप्त हो जाते है। गांव के लोगों का कहना है कि सफाई कर्मियों के कार्य का पूरा दायित्व सम्बंधित ग्राम प्रधान का होता है लेकिन वो भी अपने कर्तव्यों को नजर अंदाज कर दे रहे है। वही दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि अगर यही स्तिथि रही तो इससे अनेक प्रकार की बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।जैसे-मलेरिया, डेंगू आदि हो सकता है।