सिकन्दरपुर (बलिया)। केन्द्र व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों रूपये पानी की तरह बहा रही हैं। इसके वावजूद भी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली व कार्य के प्रति उदासीन रवैये के चलते स्वच्छ भारत अभियान पर किसी ना किसी रूप मे ग्रहण ही लगा रह रहा हैं। ताजा मामला तहसील क्षेत्र के लीलकर गांव का हैं, जहां पर सफाईकर्मियों के घोर अभाव में ग्रामीणों को साफ सफाई की कमान अपनें हाथों मे लेना पड़ा।
विदित हो कि छठ पूजा के मद्देनज़र सभी गांवों मे सड़कों, नालियों व छठ घाटों की साफ सफाई का काम जोरो शोरों से चल रहा है। ऐसे मे लीलकर गांव सफाईकर्मियों के अभाव मे गंदगी का दंश झेलने को मजबूर था। सफाई कर्मियों की तैनाती गांव में ना होने से आक्रोशित ग्रामीणों नें गुरुवार को खुद ही सफाई का मोर्चा संभालते हुए सैकड़ों ग्रामीणों नें गांव की पूरी साफ सफाई किया।
इस दौरान ग्रामीणों नें बताया कि सफाईकर्मियों को बार बार बोलने के वावजूद भी कोई सफाईकर्मी गांव में नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से गांव में स्थित सड़कों व नालों की साफ सफाई नहीं हुई है। कई ग्रामीणों का यह भी आरोप हैं कि सफाईकर्मी सिर्फ फाइलों में ही अपनी हाजिरी लगाकर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी तनख्वाह उतार लेते हैं।
ऐसे में उन्हें गांव की साफ सफाई से कोई मतलब नहीं होता। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों द्वारा खुद से गांव की साफ सफाई करने के प्रयासों को लेकर एक सकारात्मक चर्चा भी शुरू हो गई है।