विनोद कुमार
सिकन्दरपुर, बलिया।देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चला रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रतिपादित राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सिकन्दरपुर नगर पंचायत के विभिन्न मोहल्लों में जागरूकता आभियान चलाया गया। इसके तहत कस्बा के मुड़ियापुर, डोमनपुरा और बड्डा मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंची और आमजन को इस रोग से सम्बंधीत जानकारी देकर जागरूक किया। साथ कि जनमानस के मन में इस रोग को लेकर बैठी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया गया। टीम के सदस्यों ने बताया कि टीबी लाइलाज नही है। इसका उपचार सम्भव है। समय पर सही इलाज से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो सकता है। वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक संजीव मिश्रा ने बताया कि क्षय रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। इसका संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन ज्यादातर संभावनाएं फेफड़े में टीबी होने का रहता है। खांसने व थूकने पर हवा के माध्यम से व्यक्तियों में संक्रमण फैलता है। वही डॉ चंदन राय ने लोगों से कहा कि टीबी की जांच व इलाज सरकारी अस्पताल में निःशुल्क की जाती है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, दो हफ्ते से अधिक बुखार आना, बलगम (कफ) के साथ खून आना, वजन कम होना, भूख का कम होना, रात में पसीना आना आदि हैं। यदि यह लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी सीएचसी से सम्पर्क कर इलाज शुरू किया जा सकता है।
फेफड़ों में हो सकती है परेशानी
समय पर इलाज न कराने पर फेफड़ा संबंधी रोग टीबी का रूप ले लेता है। टीबी से ग्रसित लोगों के परिजनों को यह बीमारी न लगे इसके लिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग टीम द्वारा समय समय पर चलाए जाने वाले अभियान में छह साल से छोटे बच्चों को आईएनएच टेबलेट और उपचार कराने वाला व्यक्ति एमडीआर मरीज न हो जाये इसके लिए उन्हें भी उचित परामर्श देते हुए नियमित दवा खाने, पंजीकृत मोबाइल नंबर को सदैव चालू रखने व नियमित दवा का सेवन करने के की सलाह दी जाती है। सरकारी योजना के तहत टीबी मरीजों को 500 रुपए प्रति माह की दर से खान-पान में सुधार के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है।