सिकन्दरपुर, बलियाः बलिया के सिकन्दरपुर में छह दिन बाद मासूम बेटे को सामने पाकर मां की खुशी के आंसू छलक पड़े। सिकन्दरपुर कस्बा निवासी कन्हैया प्रसाद सोनी का 12 वर्षीय बेटा कृष्णा मंगलवार को घर पहुंचा तो मां रंजना गले लगाकर रो पड़ी। पिछले पांच दिनों से मां-पिता और बहन से दूर रहा कृष्णा भी मां को सामने देखकर उनसे लिपट गया। दोनों की आंखे नम हो गयी।
उलझन और शंकाओं में दिन गुजारने वाली बहन बीना भी भाई को सामने पाकर फफक पड़ी। काफी देर तक अपने अंग से लगाये रखी मां रंजना मन ही मन जहां भगवान को शुक्रिया अदा कर रही थी। वहीं उसका वात्सल्य आखों के रास्ते झर झर बह रहा था। मां और बेटे के इस प्रेम को देख कर वहां मौजूद सभी की आंखें भर आयी।
उधर कृष्णा की बरामदगी की सूचना आग की तरह फैल गयी। उसका कुशलक्षेम पूछने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस बीच कृष्णा ने भी अपनों के बीच पहुंच कर चैन की सांस ली।
इस दौरान कृष्णा अपनी आप बीती घर वालों से शेयर करता रहा। पिछले पांच दिन वो घर वालों से दूर कैसे रहा, किन-किन परिस्थितियों का सामना किया, उनके उत्पीड़न और धमकी को कैसे बर्दाश्त किया, वह सब अपनों को बताया।
उसने बताया कि जब सोमवार को सादे लिवास में पुलिस मऊ स्थित उस घर पहुंची तो एक बारगी वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी, लेकिन थोड़ी देर ही माजरा स्पष्ट हो गया। मैं समझ गया कि जल्द ही हम अपने घर वालों ने मिल पाएंगे।
बता दें कि सराफा व्यवसायी कन्हैया प्रसाद सोनी के इकलौता पुत्र को 20 जनवरी की शाम दुकान से घर लौटते समय दो लोगों ने अपहृत कर लिया था। काफी खोजबीन के बाद जब उसका पता नहीं चला तो 21 जनवरी को इसकी सूचना पुलिस को दी गयी। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लिया और पांच दिन बाद कृष्णा को सकुशल मऊ से बरामद कर लिया।