रिपोर्ट: गोपाल प्रसाद
सिकन्दरपुर, बलिया। रुद्रवार में एबीवीपी के नगर अध्यक्ष डा पंकज मिश्रा ने माल्यार्पण कर एबीवीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं को संबोधन में कहा कि 'उतिष्ठतः जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधितः' अर्थात उठो, जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो। आज उपरोक्त प्राचीन सन्देश के आधुनिक प्रवाहक भारत के महान सपुत एवंम युवाओं के प्रेरणास्रोत
स्वमी विवेकानंद जी का स्मरण आज हम सभी उनकी जयंती पर कर रहे है। भारत की संस्कृति से प्रगाढ़ प्रेम एवं असीम श्रद्धा के साथ चिंतन करने पर दिव्य पूर्वजो के प्राचीनतम आद्यत्मिक संदेशो में समहित ऊर्जा एवम अंतर्निहित प्रकाशमय ज्योति पुंज को साक्षात रूप मे अनुभव करने वाले स्वामी जी के कृतित्व एवम विचार आज भी राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति बोध को जागृत एवं सुदृढ़ करते हुए बिसम परिस्थितियों के मध्य ससक्त अन्तरप्रेरणा को निरन्तर संकलित करते है।
इस आधुनिक काल मे स्वमी जी ही भारत के सबसे युआ विचारक एवम प्रेरनदायी व्यक्तित्व के रूप में स्थापित हुए, जिसके कारण 1984 से इनके जन्मदिन को युआ दिवस के रूप मे मनाया जाता है। स्वामी जी के प्रति नमन अथवा उनका स्मरण तभी सार्थक हो सकता है, जब भारत के युआ राष्ट्र की प्राचीन एवं महान आद्यत्मिक संस्कृति से प्रेरणा ग्रहण कर भविस्य के प्रति सकारात्मक निःस्वार्थ योगदान समर्पित करते है। शक्ति मिश्रा ने स्वामी जी के जीवनकाल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। नगर अध्यक्ष पंकज मिश्रा, नगर मंत्री अभिषेक राय छोटू, शक्ति मिश्रा जी, उग्रह राय, शिवेंद्र राय, अंकुर राय, आदित्य गोड, सनोज कनौजिया आदि मौजूद रहे।