अचानक ही तड़के पूरे वातावरण में अचानक घना कोहरा छाने लगा और देखते देखते पूरा वायुमंडल कोहरा से ढ़क गया. सभी की जबान से अचानक एक ही शब्द निकला- अरे यह क्या हो रहा है ? कारण कि इस कोहरे में एक अजीब सी गंध थी, जो ठंढ़ी हवा के साथ बहुत तीखी थी ।पर्यावरणविदों का मानना है कि ऐसा पटाखों के धुंए , मोटर वाहनों से निकले धुंए एवं उद्योगों से निकले धुंए कारण से हो सकता है. स्पष्ट है कि पटाखों से निकले धुंए एवं मोटर वाहनों तथा उद्योगों से निकले धुंए में विषैली गैसें-कार्बन डाई-आक्साइड, कार्बन मोनो-आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड एवं मीथेन आदि शामिल रहती हैं. जो वायु के साथ मिलकर वायुमंडल में फैलकर दूर-दूर तक चली जाती हैं. निश्चित ही दीपावली बाद जो पछुवा एवं पूर्वी हवाएं क्रमश: प्रवाहित हुई हैं, उन हवाओं के साथ यह वायु प्रदूषण दूर-दूर तक फैलते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र तक पहुंच गया है. जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है. खास तौर से श्वास, दमा , हृदय के रोगियों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है. साथ ही साथ इससे आंखों में जलन भी हो सकती है. कोहरा अधिक घना होने पर रोशनी भी प्रभावित होगी।